आमिर खान एक बार फिल्म पीपली लाइव को लेकर चर्चा में हैं। आमिर ने इस फिल्म में किसी ब़डे स्टार को नहीं लिया है। हालांकि फिल्म के सभी किरदार अपनी अपनी जगह पूरी तरह फिट हैं। इनमे से ज्यादातर थियेटर के आर्टिसट हैं। माना जा रहा है कि यह फिल्म आम कमर्शल फिल्म से अलग है। इस बाबत आमिर का कहना है की कि जब मैं कोई स्क्रिप्ट देखता हूं, तो यह नहीं सोचता कि यह कमर्शल या फिर नॉन कमर्शल। अगर मुझे स्क्रिप्ट अच्छी लगती है, तो मैं उस पर काम जरूर करता हूं। यह बात और है कि ऎसा मैं बतौर ऎक्टर करूं या फिर प्रोडयूसर। हालांकि आमिर ने खुद इस फिल्म में ऎक्टिंग नहीं की है और न ही कोई गेस्ट रोल किया है।
पीपली लाइव के टाइटिल और फिल्म के बारे में आमिर का कहना है कि यह फिल्म शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों के बीच बढ़ते फासले के बारे में है। इसे आप करप्शन का मुद्दा उठाने वाली जाने भी दो यारों जैसी फिल्म कह सकते हैं, लेकिन इस फिल्म का टॉपिक अलग है। यह फिल्म हमें ग्रामीण इलाकों की सोच सेरूबरू कराएगी, क्योकि हमें उनके बारे में बिल्कु ल जानकारी नहीं है। हालांकि स्टोरी को थो़डे मजाकिया अंदाज में पेश किया गया है, लेकिन इसका टॉपिक काफी महत्वूपर्ण है।
पीपली लाइव के टाइटिल और फिल्म के बारे में आमिर का कहना है कि रीयल करैक्टर्स को शो करने के लिए रीयल कास्ट की जरूरत है। इस फिल्म के लिए आमिर ने नए डायरेक्टर अनुषा रिजवी को सेलेक्ट किया। इस फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट दिया गया है, क्योकि इसमें इस्तेमाल की गई कुछ लैंग्वेज बच्चों के लिहाज से ठीक नहीं है जबकि आमिर का कहना है कि फिल्म में किसी तरह का कोई एडल्ट सीन नहीं है। हालांकि आमिर को लगता है कि बच्चों को इस तरह की लैंग्वेज देखने से रोकना सही फैसला है। फिल्म गांव से भी जुडी है, इसलिए आमिर ने गंवाई भाषा का इस्तेमाल किया है, जिसमें अपशब्द भी हो सकते हैं। यही वजह है कि आमिर सेंसर के फैसला को गलत नहीं मानते। (teznews)
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