पुरुष तो महिलाओं का उत्पीड़न करते हैं, लेकिन अब महिलाएँ ही महिलाओं के उत्पीड़न का कारण बन रही हैं। झारखंड के देवघर जिले के पालाजोरी इलाके में पत्थरघट्टी गाँव में महिलाओं ने ही महिलाओं को डायन करार देकर सरेआम बेईज्जत किया है।
पालाजोरी में डायन होने के आरोप में मुस्लिम समुदाय की पाँच महिलाओं को न सिर्फ पीटा गया बल्कि उन्हें निर्वस्त्र कर गाँव में घुमाया गया और बाद में उन्हें मैला खाने को मजबूर किया गया। संथाल परगना प्रमंडल के पुलिस उप-महानिरीक्षक मुरारीलाल मीना ने बताया की यह पूरी करतूत किसी बाबा की है जिसका प्रभाव पूरे इलाके में है।
उनका कहना था कि पत्थरघट्टी गाँव की ही पाँच महिलाओं के बारे में यह अंधविश्वास है कि उन पर किसी मुवक्किल साहब का साया है और जब साया आता है तो यह महिलाएँ उन लोगों की निशानदेही करती हैं जो डायन हो। रविवार को भी पत्थरघट्टी गाँव में कुछ ऐसा ही हुआ।
एक 'पाखंडी' बाबा के बहकावे में आकर गाँव की ही पाँच महिलाओं को डायन करार दे दिया गया। बस फिर क्या था गाँव के लोगों के हुजूम ने एक एक कर इन बेबस विधवाओं को घरों में से निकालना शुरू किया और उनको बेरहमी से पीटना भी शुरू कर दिया।
इस बीच पीड़ित महिलाएँ अपनी बेगुनाही कि फरियाद करतीं रहीं। मगर भीड़ में किसी नें इनकी एक न सुनी। फिर इन महिलाओं को पास ही के मैदान में लाया गया जहाँ सैकड़ों कि तादाद में ग्रामीणों नें घंटो उनकी रुसवाई का तमाशा देखा। भीड़ में से किसी ने इनकी मदद नहीं की। तभी किसी ने घटना की खबर पालाजोरी थाना तक पहुँचा दी।
थाना प्रभारी रामबाबू मंडल और प्रखंड विकास अधिकारी अनमोल कुमार सिंह घटना स्थल पर पहुँचे तो जरूर। मगर तब तक घटना के पीछे जिन लोगों का हाथ था वो भागने में सफल रहे।
थाना प्रभारी रामबाबू मंडल का कहना है की पुलिस नें पीड़ित महिलाओं को भीड़ से बचाया और उन्हें अपनी हिफाजत में ले लिया है। इस संबंध में 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिनमें छह महिलाएँ भी शामिल हैं।
घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया है। पुलिस उप-महानिरीक्षक मुरारीलाल मीना का कहना है की गाँव में सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती की जा चुकी है। फिलहाल घटना में शामिल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
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