वो किसी का हो गया है, उसको क्यों कर ढूँढ़िये?
दिल से आज जो गया है, उसको क्यों कर ढूँढ़िये?
ज़िन्दग़ी सीम आब है कब हाथ आई है भला
मिल के भी जो खो गया है उसको क्यों कर ढूँढ़िये?
प्यार की ख़ातिर जो रोया ज़िन्दग़ी की शाम तक
लेके नफ़रत से गया है मेरा नाम उसको क्यों कर ढूँढ़िये?
ढूँढ़कर लाया था दुनिया भर की खुशियाँ जो
कभीढूँढ़ने ख़ुद को गया है उसको क्यों कर ढूँढ़िये?
ढूँढ़िये ‘मख़मूर’ उसको जो कहीं दुनिया में हो
दिल की तह तक जो गया है उसको क्यों कर ढूँढ़िये?
–
सीम आब = Mercury
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें