कुछ बातें जो संभ्रात इतिहास में दर्ज नहीं की जा सकेंगी

मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते

मिल मिल के बिछड़ने का मज़ा क्यों नहीं देते?हर बार कोई ज़ख़्म नया क्यों नहीं देते?
ये रात, ये तनहाई, ये सुनसान दरीचेचुपके से मुझे आके सदा क्यों नहीं देते।
है जान से प्यारा मुझे ये दर्द-ए-मोहब्बतकब मैंने कहा तुमसे दवा क्यों नहीं देते।
गर अपना समझते हो तो फिर दिल में जगह दोहूँ ग़ैर तो महफ़िल से उठा क्यों नहीं देते।

कोई टिप्पणी नहीं: