कुछ बातें जो संभ्रात इतिहास में दर्ज नहीं की जा सकेंगी

कल रात एक सपना देखा



कल रात एक सपना देखा

एक सुनहरा सपना

जीवन का चरमोत्कर्ष जैसा कुछ

सपनो में मैंने देखा

खुद के सपनों को साकार होते

मैंने अपने लक्ष्यों की प्राप्ति देखी

देखा अपनी शक्ति का प्रदर्शन

अपनी भुजाएं फड़कते देखी

मैंने सपनो में विजय को चूमा

सच मैंने कल सपने में तुमको देखा



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मेरी घोषणा

मेरी वेदना के दो दिन

हम सो जाएँ

दोनों अकेले

परस्पर नज़दीक।

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मानो कि समुद्र चला मेरे पीछे

और उसने बाहें डाल दीं मेरे इर्द-गिर्द

मेरे कमरे में, रात में

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जैसे कि समुद्र लिपट गया मुझसे

ध्वनियाँ इसकी बाहें

जकड़ता है मुझे समुद्र

मुझे बाँहों में भरता है

समुद्र।

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सहना है कठिन

सहना प्रेम के बिना है कठिन

प्रेम करना बिना सहनशीलता के

है असंभव

प्रेम करना है कठिन।

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मुझे पानी दो

पीने के लिए नहीं

वरन धोने के लिए अपना अंतस

मैं नहीं मांगता हूँ तेल

मुझे चाहिए ताज़ा पानी



देखो किस कदर बढ़ रहे हैं कीड़े मेरी काँख में,

जांघ पर मेरी बाईं ओर

और जांघ पर दाईं

और दोनों के बीच

फफदते हैं फोड़े



मैं उतार सकता हूँ अपने पाँव के तल्लों की खाल,

मुझे धोने के लिए अपना अंतस अपना जल दो

तेल नहीं

नकारता हूँ मैं तुम्हारा तेल

दो मुझे पानी ।

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मैं मिला एक जूतों के फ़ीतों के विक्रेता से

बाज़ार में, छोर पर बंद गली के

वह बेचना चाहता था मुझे फ़ीते

जब कि मेरे पास जूते ही नहीं,

लाल फ़ीते, काले फ़ीते,

फ़ीते सूती और रेशमी

उसने ग़ौर नहीं किया कि मैं नंगे पाँव था

वह यक़ीनन रहा होगा अंधा या बावरा

या, मुमकिन है, कि चतुर सुजान

हमने किया परस्पर अभिवादन

"
तुम्हें तो पता है" के संकेत के साथ

और खिलखिला कर हँसे हम एक साथ ।



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