ऑस्ट्रेलिया की एक स्कूली छात्रा रविवार को अकेले ही नाव से दुनिया का चक्कर लगाने निकल पड़ी। 16 साल की जेसिका वाटसन यह कारनामा करने वाली सबसे युवा व्यक्ति होंगी।
भारतीय समयानुसार सुबह के साढ़े तीन बजे अपने प्रशंसकों और शुभचितंकों की शुभकामनाएँ लिए सिडनी के बंदरगाह से जेसिका चमकते गुलाबी रंग की नाव से इस कठिन सफर पर निकल पड़ीं।
पिछले महीने इस अभियान के लिए अभ्यास करते समय उसकी नाव 63 हजार टन के एक कार्गो जहाज से टकरा गई थी। इस दुर्घटना के बाद क्वींसलैंड प्रांत के अधिकारियों ने उनसे अपने इस अभियान के बारे में दोबारा सोचने का आग्रह किया था।
...लेकिन बुलंद हौसलों वाली और धुन की पक्की जेसिका इसके लिए राजी नहीं हुईं। उनका कहना है कि इस अभियान का सपना उन्होंने 11 साल की उम्र से ही देखना शुरू कर दिया था। आठ महीने के इस अभियान में रात में वे केवल 20 मिनट ही सोएँगी।
जेसिका ने कहा कुछ लोग हैं, जिनके मन में संदेह है और जो इस बड़े, कठिन और दुस्साध्य अभियान को देखते हुए जायज भी है, लेकिन मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ है।
ऑस्ट्रेलिया की उपप्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने जेसिका को सफल अभियान के लिए शुभकामना दी, लेकिन यह भी कहा कि वह और बहुत से ऑस्ट्रेलियाई नागरिक उस किशोरी को लेकर चिंतित हैं।
भारतीय समयानुसार सुबह के साढ़े तीन बजे अपने प्रशंसकों और शुभचितंकों की शुभकामनाएँ लिए सिडनी के बंदरगाह से जेसिका चमकते गुलाबी रंग की नाव से इस कठिन सफर पर निकल पड़ीं।
पिछले महीने इस अभियान के लिए अभ्यास करते समय उसकी नाव 63 हजार टन के एक कार्गो जहाज से टकरा गई थी। इस दुर्घटना के बाद क्वींसलैंड प्रांत के अधिकारियों ने उनसे अपने इस अभियान के बारे में दोबारा सोचने का आग्रह किया था।
...लेकिन बुलंद हौसलों वाली और धुन की पक्की जेसिका इसके लिए राजी नहीं हुईं। उनका कहना है कि इस अभियान का सपना उन्होंने 11 साल की उम्र से ही देखना शुरू कर दिया था। आठ महीने के इस अभियान में रात में वे केवल 20 मिनट ही सोएँगी।
जेसिका ने कहा कुछ लोग हैं, जिनके मन में संदेह है और जो इस बड़े, कठिन और दुस्साध्य अभियान को देखते हुए जायज भी है, लेकिन मेरा आत्मविश्वास मेरे साथ है।
ऑस्ट्रेलिया की उपप्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने जेसिका को सफल अभियान के लिए शुभकामना दी, लेकिन यह भी कहा कि वह और बहुत से ऑस्ट्रेलियाई नागरिक उस किशोरी को लेकर चिंतित हैं।
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