
मैंने तो गढ़ा
एक नया जन्म
एक नई पुकार
और-
सच मानो,
खुद एक_मैं_फकत मैं/
तुम्हारे लिए
फिर से
भटका खयालों में
तड़फा विचारों में- और
ढूँढा तुम्हें उसी शहर में
जहाँ छोड़ चली थी तुम
अपनी साँसे, कुछ यादें
और- सच मानो
मेरी बेवफाई भी।
तुम्हारे लिए
मरा था मैं,
जन्मा था मैं
लेकिन,
तुम जब मिली तो
सच मानो,
इस बार तुमने
की बेवफाई...।
.............................................................................
................................................
तुम चाहे
कभी न आओ लौटकर
मेरे द्वार तक
लेकिन मुझमें
तुम्हारा इंतजार हमेशा बना रहने देना
क्योंकि जब किसी अनजानी आहट से
मैं द्वार तक दौड़कर जाता हूँ
मेरे आँगन के पंछियों को लगता है
मैं उनके लिए दाने लेकर आया हूँ
मेरे आँगन के पंछियों के लिए ही सही
पर मुझमें यह इंतजार बना रहने देना
क्योंकि पंछियों के मूक
आशीर्वाद की जरूरत मुझे है
तुम्हें नहीं
.............................................................................
................................................
जब पास तुम्हारे होता हूँ, सब कुछ भूलकर खो जाता हूँ तुममें,
चन्द लम्हों में सिमट जाता है जीवन सारा,
तुम्हारी मुस्कुराहट से महकती है हर साँस मेरी,
तुम्हारी आँखों की गहराई में झाँक लेता हूँ
और चुरा लेता हूँ थोड़ा सा काजल,
एक हलचल सी मच जाती है जब हौले से पास आकर
तुम समा जाती हो मेरे ज़ेहन में.......
एहसास बन रोम रोम में उतर जाती हो,
जब तुम नहीं होती तब भी तुम होती हो आस पास,
तुम्हारी वही खुशबू जो मेरी साँसों में बसी है,
तुम्हारी आँखों का काजल, तुम्हारी कोमल हँसी....
भीगे हुए बालों की छुअन, तुम्हारे कदमों की आहट,
तुम्हारी खामोश निगाहें, उठकर झुक जाती पलकें,
एक उम्मीद, एक बेकरारी और फिर मिलने का इंतज़ार.......
.............................................................................
................................................
तू है मेरी ताकत
तू है मेरा विश्वास
तूने जगाई मुझमें
जीने की नई आस
जीवन की कठिन डगर
और तेरा साथ
नहीं लगता डर मुझे
जब तू है मेरा हमराज
फिसलन में भी नहीं
लगता अब
गिरने का डर
थामा है तूने जो हाथ
डर ने छोड़ दिया है साथ
अब मुश्किलों से लड़ने को
जी चाहता है
अब कुछ कर गुजरने को
जी चाहता है।
तेरी हर हिदायत
करती है मुझे हर
खतरे से आगाह
तेरी हर डाँट-फटकार
भरती है मुझमें आत्मविश्वास
चलता हूँ अकेला
पर साथ है तू
हौसलों में ऊर्जा भरता
विश्वास होता है तू
दोस्त जीतूँगा हर बाजी
गर साथ होगा तू
छा जाएँगे दुनिया पर
गर हौंसला बनेगा तू
अब नहीं दुनिया से डर
अब किसी की नहीं फिक्र
छू लेंगे हम आसमाँ
हमारी मुट्ठी में होगा जहां।
.............................................................................
................................................
आज मंदिर में एक दीया
जलाया है तेरे लिए
भावनाओं के पुष्प को
प्रेम के धागे में
पिरोया है तेरे लिए
आज मंदिर में ...
जिंदगी का क्या भरोसा
ये साथ बन जाए न धोखा
खुशियों के कोमल गुलाब को
बैर रूपी धतूरे पर
सजाया है तेरे लिए
आज मंदिर में ...
रिश्तों में सदा बनी रहे ऊर्जा
तुझ जैसा कोई है न दूजा
श्रद्धा की बाती को
विश्वास के दीये में
आज सजाया है तेरे लिए
आज मंदिर में ...
कहीं तो मिलेंगे किसी मोड़ पर
अजनबी ही सही कोई बात नहीं
तू रहे सदा दिल के किसी कोने में
इन यादों की स्मृति कुमकुम
आज मंदिर में ...
.............................................................................
................................................
हर सुबह, हर शाम
जब खोलता हूँ आँखे
तो तू ही नजर आती है
शरमाकर चुपचाप
मेरे आगोश में छुप जाती है।
तुझे धूप कहूँ या छाँव
तुझे गीत कहूँ या राग
छुईमुई सी है तू
जो छूते ही सिमट जाती है
हर रात सपनों में
तू मेरी बनकर आती है।
जब देखता हूँ आइने में
तो तेरी ही सूरत
हर लड़की में दिखती है मुझे
तेरी ही मूरत
तू जादू है या हकीकत
कुछ समझ नहीं आता है
हर रात मुझे नींद से
कोई आकर जगाता है।
.............................................................................
................................................
ऐसा लगता है
दिल की दुनिया
उजड़ रही है।
जिसे बसाया था
किसी ने मेरे ख्वाबों में
अचानक आकर
मेरे मन के मंदिर में
दी थी किसी ने दस्तक
वो सिर्फ एहसास ही
नहीं सचमुच दिल
की लगी थी
जिसे झुठलाना
या ठुकराना मुमकिन ही
नहीं था।
दिल की दुनिया में बसे
ऐ मेरे हमसफर
कुछ तो वफ़ा कर
अपने प्यारे मीत के साथ।
किसी के दिल की लगी को
इस तरह ना ठुकराओ
कि वह ना ही जी पाए
और ना ही मर पाए।
यह बहुत बड़ी
लगी है दिल की
जिसको समय ने एक
मजाक बनाकर पेश किया है।
ऐ दोस्त ! क्या करें
क्या न करें
यही कशमकश में उलझा हूँ।
ना जी पा रहा हूँ
और ना ही मर पा रहा हूँ,
ऐ मेरे प्यार
कुछ तो इंसाफ कर
मेरे उस प्यार के साथ
जो मैंने तुमसे किया है।
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एक नया जन्म
एक नई पुकार
और-
सच मानो,
खुद एक_मैं_फकत मैं/
तुम्हारे लिए
फिर से
भटका खयालों में
तड़फा विचारों में- और
ढूँढा तुम्हें उसी शहर में
जहाँ छोड़ चली थी तुम
अपनी साँसे, कुछ यादें
और- सच मानो
मेरी बेवफाई भी।
तुम्हारे लिए
मरा था मैं,
जन्मा था मैं
लेकिन,
तुम जब मिली तो
सच मानो,
इस बार तुमने
की बेवफाई...।
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तुम चाहे
कभी न आओ लौटकर
मेरे द्वार तक
लेकिन मुझमें
तुम्हारा इंतजार हमेशा बना रहने देना
क्योंकि जब किसी अनजानी आहट से
मैं द्वार तक दौड़कर जाता हूँ
मेरे आँगन के पंछियों को लगता है
मैं उनके लिए दाने लेकर आया हूँ
मेरे आँगन के पंछियों के लिए ही सही
पर मुझमें यह इंतजार बना रहने देना
क्योंकि पंछियों के मूक
आशीर्वाद की जरूरत मुझे है
तुम्हें नहीं
.............................................................................
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जब पास तुम्हारे होता हूँ, सब कुछ भूलकर खो जाता हूँ तुममें,
चन्द लम्हों में सिमट जाता है जीवन सारा,
तुम्हारी मुस्कुराहट से महकती है हर साँस मेरी,
तुम्हारी आँखों की गहराई में झाँक लेता हूँ
और चुरा लेता हूँ थोड़ा सा काजल,
एक हलचल सी मच जाती है जब हौले से पास आकर
तुम समा जाती हो मेरे ज़ेहन में.......
एहसास बन रोम रोम में उतर जाती हो,
जब तुम नहीं होती तब भी तुम होती हो आस पास,
तुम्हारी वही खुशबू जो मेरी साँसों में बसी है,
तुम्हारी आँखों का काजल, तुम्हारी कोमल हँसी....
भीगे हुए बालों की छुअन, तुम्हारे कदमों की आहट,
तुम्हारी खामोश निगाहें, उठकर झुक जाती पलकें,
एक उम्मीद, एक बेकरारी और फिर मिलने का इंतज़ार.......
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तू है मेरी ताकत
तू है मेरा विश्वास
तूने जगाई मुझमें
जीने की नई आस
जीवन की कठिन डगर
और तेरा साथ
नहीं लगता डर मुझे
जब तू है मेरा हमराज
फिसलन में भी नहीं
लगता अब
गिरने का डर
थामा है तूने जो हाथ
डर ने छोड़ दिया है साथ
अब मुश्किलों से लड़ने को
जी चाहता है
अब कुछ कर गुजरने को
जी चाहता है।
तेरी हर हिदायत
करती है मुझे हर
खतरे से आगाह
तेरी हर डाँट-फटकार
भरती है मुझमें आत्मविश्वास
चलता हूँ अकेला
पर साथ है तू
हौसलों में ऊर्जा भरता
विश्वास होता है तू
दोस्त जीतूँगा हर बाजी
गर साथ होगा तू
छा जाएँगे दुनिया पर
गर हौंसला बनेगा तू
अब नहीं दुनिया से डर
अब किसी की नहीं फिक्र
छू लेंगे हम आसमाँ
हमारी मुट्ठी में होगा जहां।
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आज मंदिर में एक दीया
जलाया है तेरे लिए
भावनाओं के पुष्प को
प्रेम के धागे में
पिरोया है तेरे लिए
आज मंदिर में ...
जिंदगी का क्या भरोसा
ये साथ बन जाए न धोखा
खुशियों के कोमल गुलाब को
बैर रूपी धतूरे पर
सजाया है तेरे लिए
आज मंदिर में ...
रिश्तों में सदा बनी रहे ऊर्जा
तुझ जैसा कोई है न दूजा
श्रद्धा की बाती को
विश्वास के दीये में
आज सजाया है तेरे लिए
आज मंदिर में ...
कहीं तो मिलेंगे किसी मोड़ पर
अजनबी ही सही कोई बात नहीं
तू रहे सदा दिल के किसी कोने में
इन यादों की स्मृति कुमकुम
आज मंदिर में ...
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हर सुबह, हर शाम
जब खोलता हूँ आँखे
तो तू ही नजर आती है
शरमाकर चुपचाप
मेरे आगोश में छुप जाती है।
तुझे धूप कहूँ या छाँव
तुझे गीत कहूँ या राग
छुईमुई सी है तू
जो छूते ही सिमट जाती है
हर रात सपनों में
तू मेरी बनकर आती है।
जब देखता हूँ आइने में
तो तेरी ही सूरत
हर लड़की में दिखती है मुझे
तेरी ही मूरत
तू जादू है या हकीकत
कुछ समझ नहीं आता है
हर रात मुझे नींद से
कोई आकर जगाता है।
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ऐसा लगता है
दिल की दुनिया
उजड़ रही है।
जिसे बसाया था
किसी ने मेरे ख्वाबों में
अचानक आकर
मेरे मन के मंदिर में
दी थी किसी ने दस्तक
वो सिर्फ एहसास ही
नहीं सचमुच दिल
की लगी थी
जिसे झुठलाना
या ठुकराना मुमकिन ही
नहीं था।
दिल की दुनिया में बसे
ऐ मेरे हमसफर
कुछ तो वफ़ा कर
अपने प्यारे मीत के साथ।
किसी के दिल की लगी को
इस तरह ना ठुकराओ
कि वह ना ही जी पाए
और ना ही मर पाए।
यह बहुत बड़ी
लगी है दिल की
जिसको समय ने एक
मजाक बनाकर पेश किया है।
ऐ दोस्त ! क्या करें
क्या न करें
यही कशमकश में उलझा हूँ।
ना जी पा रहा हूँ
और ना ही मर पा रहा हूँ,
ऐ मेरे प्यार
कुछ तो इंसाफ कर
मेरे उस प्यार के साथ
जो मैंने तुमसे किया है।
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