कुछ बातें जो संभ्रात इतिहास में दर्ज नहीं की जा सकेंगी

जो जुलम कियो हो दाता...

कितना प्यारा गीत है फ़िल्म उमराओ जान से "जो जुलम किए हो दाता अबके ना कीजो! अबके मोहे बिटिया ना कीजो" मगर इस गीत में कितना विश्वाश है कितना समर्पण है कितना प्यार है !मैंने इस गीत को जब सुना भीतर तक सिहर गया मुझे पता है मै ऐसा नहीं हूँ मुझमे समर्पण की वो क्षमता नही गीत के बोल हालत से दुखी भी हैं और बदलाव भी चाहते हैं वो जानते है की उसके साथ जुलम हुआ है मगर अगले जनम तक सब ठीक होने की आस है! ऐसी आस पर हजारों शफीक कुर्बान

आज दिल भर आया इस गीत को सुन कर सो एक कविता बन गई है!

तुम सत्य हो शिव हो सुंदर हो
तुम ब्रहम हो तुम भ्रम हो
तुम प्रेम हो तुम इर्ष्या हो
तुम मिथ्या हो तुम तर्क हो
तुम परिश्रमिक हो तुम पारितोषिक हो
तुम उत्तेजना हो तुम शिथिल हो
तुम आस्था हो तुम विश्वाश हो
तुम वाद हो तुम प्रतिवाद हो
तुम संकट हो तुम निवारक हो
तुम शान्ति हो तुम विद्रोह हो
तुम आदि हो तुम अंत हो
तुम मृग-छलना हो तुम यथार्थ हो
तुम विषय हो तुम आशय हो
तुम हो, तुम हो, तुम हो,
बस तुम हो, तुम हो, तुम्ही हो
आदि से अंत तक
आरम्भ से प्रारम्भ तक


कैसी बनी है भाई

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