कुछ बातें जो संभ्रात इतिहास में दर्ज नहीं की जा सकेंगी

शब् ग़म की सहर नही होती
होती
भी हो तो मेरे घर नही होती
ज़िन्दगी तू ही मुख्तसर होजा
शब्
ग़म तो मुख्तसर नही होती


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