कुछ बातें जो संभ्रात इतिहास में दर्ज नहीं की जा सकेंगी

मैंने जन्म नहीं मांगा था,

मैंने जन्म नहीं मांगा था,किन्तु मरण की मांग करुँगा।
जाने कितनी बार जिया हूँ,जाने कितनी बार मरा हूँ।जन्म मरण के फेरे से मैं,इतना पहले नहीं डरा हूँ।
अन्तहीन अंधियार ज्योति की,कब तक और तलाश करूँगा।मैंने जन्म नहीं माँगा था,किन्तु मरण की मांग करूँगा।
बचपन, यौवन और बुढ़ापा,कुछ दशकों में ख़त्म कहानी।फिर-फिर जीना, फिर-फिर मरना,यह मजबूरी या मनमानी?
पूर्व जन्म के पूर्व बसी—दुनिया का द्वारचार करूँगा।मैंने जन्म नहीं मांगा था,किन्तु मरण की मांग करूँगा।

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